JPMorgan छोड़कर 70% सैलरी कट ली — फिर बना $6M स्टार्टअप: एक सामान्य-से-एनकही सफर 🚀
कभी-कभी वही काम जो पैसों से तन होता है, दिल को सूना कर देता है। इस कहानी में जानिए कैसे एक युवा ने (JPMorgan ) ‘रोबोटिक’ ज़िंदगी को बदला और असली अर्थ पाया। 😊
क्यों छोड़ी इतनी बड़ी नौकरी? — रोबोटिक दिनचर्या और खालीपन 🤖➡️❤️
हम अक्सर मानते हैं कि बड़ी कंपनी, बड़ी सैलरी और नाम — सब कुछ ठीक है। लेकिन Meet (यह उनका नाम है) ने महसूस किया कि हर दिन एक ही तरह की मीटिंग, वही कैलेंडर-बेस्ड व्यस्तता और अंदर से सूखती हुई ऊर्जा उसे घेर रही थी। काम “रोबोटिक” लगने लगा — मतलब, शरीर तो काम पर जा रहा था, पर अंदर से वह मौजूद नहीं था।
“अगर मैं सोकर हंस के उठता हूँ और सोते समय खुश हूँ — तो मेरा दिन काम कर रहा है।”
यही खालीपन उसे सवाल करने पर मजबूर करता है: क्या मैं सिर्फ बड़े टाइटल के लिए जी रहा हूँ? क्या मेरी पहचान सिर्फ मेरे ऑफिस के कार्ड तक सीमित है?
10 दिन का साइलेंट रिट्रीट — फैसला बदलने वाला अनुभव 🧘♂️
Meet ने डिजिटल-डीटॉक्स के लिए 10 दिन का साइलेंट मेडिटेशन रिट्रीट लिया — फोन नहीं, बातचीत नहीं, सिर्फ खुद से सामना। इस अंतराल में जो स्पष्टता मिली, वही उसके फैसले का बीज बन गई: बड़े टाइटल और बढ़ती बचत के बजाय, अर्थ और उद्देश्य ज़्यादा महत्वपूर्ण थे।
ध्यान की वो अवधि कई लोगों के लिए निर्णायक साबित होती है — क्योंकि जब आप शोर हटाते हैं, असली पसंद सामने आ जाती है।
70% सैलरी कट — जोखिम जो नई राह खोल गया 💸
जैसा कि हर बड़ा कदम आर्थिक भय के बिना नहीं होता, Meet ने जान-बूझकर 70% सैलरी कट की — यानी जीवनशैली में कठोर कटौती, कम खाने-पीने पर खर्च और बड़े आरामों को टाला। यह कदम डरावना था, पर उसने प्राथमिकताओं को फिर से सेट किया: समय, सीख और सेंस ऑफ़ पर्पस पर निवेश।
यहाँ महत्वपूर्ण बात यह है कि पैसों का छोटा होना अस्थायी था — पर आत्म-संतुष्टि और सीखने का मौका स्थायी था।
स्टार्टअप का सफर: गिरना और फिर उठना — आखिरकार Tartan ✨

नए काम में शुरुआत में खूब सीख मिली, पर शुरुआती कंपनी संसाधनों की कमी और फंडिंग चुनौतियों से जूझती रही — और अंततः Meet यहाँ से अलग हुए। पर कोरोना-काल ने भी एक मौका दे दिया: उसने खुद कुछ नया बनाने का निर्णय लिया और अंततः उसने एक डेटा-इन्फ्रास्ट्रक्चर/फिनटेक स्टार्टअप (Tartan) को को-फाउंड किया।
आज वही स्टार्टअप $6 मिलियन से ऊपर की फंडिंग लेकर आगे बढ़ रहा है — और Meet की पढ़ाई, अनुभव और जोखिम ने इसमें बड़ा योगदान दिया।
कहानी से क्या सीखें? — 7 सीधी बातें 📝
- काम ≠ पहचान: किसी कंपनी का नाम आपकी असलियत नहीं बताता।
- पैसा ज़रूरी है, पर प्रमुख नहीं: संतुलन ढूंढें — कुछ साल छोटे खर्च में भी बड़ा उद्देश्य मिल सकता है।
- रिट्रीट और रिफ्लेक्शन: कभी-कभी बाहर हटकर सोचना सबसे अच्छा निवेश है।
- लचीलापन: नौकरी छूट सकती है, लेकिन सीख आपको टिकाए रखती है।
- नेटवर्क और सिखने की भूख: बिग-फर्म ने उसे अनुशासन दिया; स्टार्टअप ने स्वतन्त्रता और प्रभाव।
- रिस्क मैनेजमेंट: बड़ा कट लेना हो तो बचत और योजना ज़रूरी है।
- सफलता की नई परिभाषा: अगर दिन छोटी-छोटी खुशियों से भरा है, तो वही असली जीत है।
आपके लिए क्या मायने रखता है? — छोटे कदम, बड़ा असर 🪜
अगर आप भी करियर-चयन पर सोच रहे हैं — छोटे-छोटे प्रयोग करें: एक महीने का शेड्यूल बदलिए, एक वीकेंड के लिए डिजिटल-डीटॉक्स करें, या किसी छोटे प्रोजेक्ट में वॉलंटियरिंग करके देखें कि आपकी नौकरी के बाहर आपको क्या चीज़ उत्साहित करती है।
याद रखें: हर किसी का जोखिम-टॉलरेंस अलग होता है — Meet की कहानी प्रेरणा है, बिंदु नहीं।