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Simla Agreement: क्या है शिमला समझौता, क्यों इतना बिलबिलाता है पाकिस्तान?

Simla Agreement: क्या है शिमला समझौता, क्यों इतना बिलबिलाता है ?

पाकिस्तान मैं पाक सेना का अत्याचार काफी बढ़ गया था, वहां हिंदुओं और मुसलमान पर हमले किए जा रहे थे, ऐसे में लाखों लोग भारत में शरण लेने आ गए थे। पाकिस्तान द्वारा शिमला समझौता रद्द करने के ऐलान के बाद यह एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गया है। इसे 1972 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक निर्णायक युद्ध के बाद शांति बहाल करने के लिए दोनों देश ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

Simla Agreement: के बारे में विस्तार से जाने 

पहलगाम में 22 अप्रैल की हुई आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। पूरे देश में इस घटना को लेकर काफी रोस है। इस चरण हरकत के जवाब ने भारत सरकार ने बुधवारक कई कड़े फैसले लिए हैं। जिसमें पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि रॉक, अटारी सीमा चौकी को बंद करने और पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार को भारत छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। भारत की ओर से लिए गए इन इन कड़े फसलों के बाद पाकिस्तान गुरुवार  को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक की। जिसमें पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि रोकने के भारत के फैसले को युद्ध जैसा कृत्य बताया है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने शिमला समझौते समेत द्वीपक्षीय समझौते अस्त गति करने की भी बात कही है। पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच जारी तनाव के चलते एक बार फिर शिमला समझौता चर्चा में है ।

क्या है शिमला समझौता

1971 में भारत-पाक युद्ध के bad उनके 90000 से ज्यादा सैनिकों को युद्ध बंदी बनाया गया था। इसके भारत और पाकिस्तान के रिश्तो में सुधार, पाक युद्ध बंधिया को छुड़ाने की कवायद शुरू हुई । फिर दोनों देश के बीच बेहतर लिए संबंध के लिए 2 जुलाई 1972 को शिमला में एक समझौत हुआ। 

समझौता की अहम बातें

1. दोनों देशों में 17 सितंबर 1971 को युद्ध विराम के रूप में मान्यता दी। तय हुआ कि इस समझौते के 20 दोनों के अंदर दोनों देशों की सेनाएं अपनी-अपनी सीमा में चली जाएगी।

2. यह अभी तय हुआ कि दोनों देशों सरकारे के अध्यक्ष भविष्य में भी मिलते रहेंगे। संबंध सामान्य बनाए रखना के दोनों देशों के अधिकारी बातचीत करते रहेंगे।

3. दोनों देश सभी विधाओं और समस्याओं के शांति पर्वक समाधान के लिए सीधी बतचीत करेंगे। तीसरे पक्ष द्वारा कोई मध्यस्थ नहीं की जएगी।

4. यातायात की सुविधा स्थापित की जएगी। ताकि दोनों देशों के लोग आसानी से आ जा सके।

5. जहां तक संभव होगा व्यापार और आर्थिक सहयोग फिर से स्थापित किया जाएंगे।

6. अगर दोनों देशों के बीच किसी समस्या का अंतिम निपटारा नहीं हो पता है और मामला लंबित रहता है, तो दोनों पक्ष में से कोई भी स्थिति में बदलाव करने की एक तरफा कोशिश नहीं करेगा।

7. दोनों पक्ष ऐसे कृतियों के लिए सहायता प्रोत्साहन या सहयोग नहीं करेंगे जो शांतिपूर्ण और सौंदर्यपूर्ण संबंध बनाए रखना में हानिकारक है।

8. दोनों देश एक दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करेंगे। समानता एवं आपसी लाभ के आधार पर एक दूसरे के के आंतरिक मामले में दखल नहीं देंगे।

9. दोनों सरकारी अपने अधिकार के अंदर ऐसे उग्र प्रोपेगेंडा को रकने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे जिनके निशाने पर दोनों में से कोई देश हों। दोनों देश इस तरह ही सूचनाओं आपस में साझा करने को प्रोत्साहन देंगे।

10. संचार के लिए डाक, टेलीग्राफ सवा, समुद्र, सीमा डाक समेत सहती संचार माध्यमों, उड़ान समेत हवाई लिंक बहस करेंगे।

कहां Simla Agreement पर बनी थी सहमति 


2 जुलाई 1972 को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बार्नेस कोर्ट में हुई बैठक में दोनों देश समझौते पर सहमति हुए थे। इसे समझाने पर भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने हस्ताक्षर किए थे। इसलिए इसे शिमला समझौत कहा जाता है। बार्नेस कोर्ट वर्तमा में राज भवन है। राज भवन में आज भी शिमला समझौता की निशानियां मौजूद हैं। इस समझौते में दोनों देश ने शांतिपूर्ण तरीकों और बातचीत के जरिए अपने मतभेदों का समाधान करने की प्रतिबद्धता जताई थी।

 

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