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“PM मोदी का ब्राज़ील मिशन 🌍: BRICS सम्मेलन में भारत ने दिखाई दुनिया को अपनी असली ताकत!”

🌍 PM मोदी का ब्राज़ील दौरा: BRICS सम्मेलन में भारत की ताकत और रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की ताकत दिखाने के लिए निकल पड़े हैं। इस बार उनका गंतव्य है ब्राज़ील, जहां वे BRICS सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। BRICS (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, साउथ अफ्रीका) दुनिया की उन उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, जो पश्चिमी देशों के प्रभुत्व को संतुलित करने के मकसद से बना है।

✈️ यात्रा की शुरुआत और उद्देश्य

PM मोदी 6 जुलाई 2025 की सुबह विशेष विमान से ब्राज़ील के लिए रवाना हुए और ब्राज़ीलिया में उनका भव्य स्वागत किया गया। उनका उद्देश्य इस सम्मेलन में भारत के हितों को मजबूती से रखना, वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करना और नए समझौतों के द्वार खोलना है।

🤝 BRICS का महत्व

BRICS सम्मेलन आज के दौर में बेहद अहम हो गया है। यह समूह न केवल आर्थिक विकास के लिए काम करता है, बल्कि भू-राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखता है। इस बार सम्मेलन का फोकस रहेगा:

🗣️ मोदी का संबोधन: आत्मनिर्भर भारत की गूंज

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पहले भाषण में जोर देते हुए कहा कि “BRICS सिर्फ एक समूह नहीं, बल्कि बदलाव की दिशा है।” उन्होंने भारत के डिजिटल इनोवेशन, स्टार्टअप इकोसिस्टम और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक आपूर्ति शृंखला का भरोसेमंद साथी बन चुका है और अब समय आ गया है कि BRICS देश आपस में सहयोग बढ़ाएं ताकि विकास का लाभ सभी तक पहुंचे।

📊 भारत की आर्थिक भूमिका पर चर्चा

भारत अब BRICS देशों के बीच सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। PM मोदी ने इस मंच का उपयोग करके यह स्पष्ट किया कि भारत निवेश के लिए सबसे सुरक्षित और अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। उन्होंने MSME क्षेत्र, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भारत की उपलब्धियों को सामने रखा।

🌐 वैश्विक मुद्दों पर भारत का रुख

सम्मेलन के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य-पूर्व तनाव और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। PM मोदी ने शांति और संवाद को ही समाधान बताया। उन्होंने कहा कि युद्ध किसी भी देश के हित में नहीं है और BRICS को एकजुट होकर वैश्विक शांति की पहल करनी चाहिए।

🔋 जलवायु और ऊर्जा पर फोकस

PM मोदी ने भारत की सौर ऊर्जा क्रांति, ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी साझा की। उन्होंने BRICS ग्रीन फंड की स्थापना का प्रस्ताव भी रखा जिससे सदस्य देश मिलकर पर्यावरणीय परियोजनाओं में निवेश कर सकें।

💼 द्विपक्षीय बैठकों में गहराई

सम्मेलन के दौरान मोदी की ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला, रूस के राष्ट्रपति पुतिन और साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति से द्विपक्षीय बातचीत भी हुई। इन बैठकों में व्यापार, रक्षा, खाद्य सुरक्षा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की बात हुई।

🛰️ तकनीक और नवाचार में साझेदारी

PM मोदी ने सुझाव दिया कि BRICS देशों को मिलकर एक संयुक्त टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म बनाना चाहिए जहां स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स मिलकर काम कर सकें। उन्होंने भारत के UPI मॉडल, डिजिलॉकर, और CoWIN प्लेटफॉर्म का उदाहरण देते हुए टेक्नोलॉजी में भारत की लीडरशिप को दिखाया।

📚 युवाओं और शिक्षा पर जोर

सम्मेलन में युवाओं के लिए ब्रिक्स-स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम पर चर्चा हुई। मोदी ने कहा कि युवाओं को तकनीक, भाषा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के ज़रिए जोड़ना बेहद जरूरी है ताकि एक मजबूत भविष्य का निर्माण हो सके।

💬 ब्राज़ील में भारतीय समुदाय से संवाद

PM मोदी ने ब्राज़ील में रह रहे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात की और उन्हें भारत की बढ़ती ताकत और उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय, भारत के ब्रांड एम्बेसडर हैं और उनका योगदान भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत बनाता है।

📢 समापन भाषण की झलक

सम्मेलन के अंत में PM मोदी ने जोर दिया कि BRICS का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब सभी सदस्य देश समान सोच, समान सहयोग और समान दिशा में मिलकर चलें। उन्होंने कहा कि भारत शांति, विकास और सहयोग का पक्षधर है और यही उसकी विदेश नीति का मूलमंत्र है।

📈 आगे की राह

PM मोदी का यह दौरा एक बार फिर यह साबित करता है कि भारत अब सिर्फ एक भागीदार नहीं, बल्कि एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभा रहा है। BRICS जैसे मंच भारत को न केवल अपनी आवाज़ बुलंद करने का अवसर देते हैं, बल्कि अन्य देशों के साथ गहरे संबंध बनाने का माध्यम भी हैं।

🔚 निष्कर्ष

PM मोदी का ब्राज़ील दौरा और BRICS सम्मेलन में उनकी भागीदारी भारत की विदेश नीति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका, आर्थिक ताकत और राजनयिक कुशलता को दर्शाता है। आने वाले समय में भारत BRICS जैसे मंचों के ज़रिए और भी ज्यादा प्रभावशाली भूमिका निभाने की ओर अग्रसर है।
h2>🚀 वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज़ बना भारत

PM मोदी ने BRICS मंच से ‘वैश्विक दक्षिण’ यानी विकासशील देशों की चिंताओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में गरीब और विकासशील देशों को सबसे ज़्यादा जरूरत है वैश्विक समर्थन की। चाहे वो कर्ज़ का दबाव हो, जलवायु संकट हो या खाद्य सुरक्षा — भारत सभी मुद्दों पर आवाज़ उठा रहा है।

मोदी ने यह भी कहा कि “भारत अब सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के उन देशों के लिए बोल रहा है जिनकी आवाज़ अक्सर अनसुनी रह जाती है।”

🛡️ रक्षा सहयोग पर भी रही चर्चा

इस सम्मेलन में रक्षा के क्षेत्र में भी अहम चर्चाएं हुईं। भारत और रूस के बीच रक्षा उपकरणों के उत्पादन में साझा सहयोग को आगे बढ़ाने पर विचार हुआ। साथ ही, साइबर सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने का रोडमैप तैयार किया गया।

PM मोदी ने साफ कहा कि आतंकवाद किसी भी देश के लिए एक स्थायी खतरा है और BRICS को मिलकर इसके खिलाफ ठोस रणनीति बनानी चाहिए।

🏥 हेल्थकेयर सिस्टम को लेकर भारत की पहल

महामारी के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए मोदी ने BRICS हेल्थ मिशन का प्रस्ताव रखा। इस मिशन के तहत सभी सदस्य देश एक साझा स्वास्थ्य डेटा सिस्टम, वैक्सीन रिसर्च और आपातकालीन मेडिकल सपोर्ट नेटवर्क तैयार करेंगे।

भारत ने अपने कोविड काल के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे डिजिटल टेक्नोलॉजी ने टीकाकरण अभियान को सफल बनाया।

📢 “One Earth, One Family, One Future” का संदेश

PM मोदी ने G20 की थीम को BRICS मंच पर दोहराते हुए कहा कि “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” की भावना को ही हमें BRICS के भीतर भी अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ आर्थिक फायदे नहीं, बल्कि मानवीय मूल्य भी इस समूह की दिशा तय करेंगे।

📲 डिजिटल सार्वजनिक प्लेटफॉर्म: भारत का अनुभव साझा

भारत ने अपने डिजिटल पब्लिक प्लेटफॉर्म जैसे UPI, आधार, डिजिलॉकर और CoWIN का अनुभव अन्य देशों के साथ साझा किया। मोदी ने प्रस्ताव रखा कि इन तकनीकों को दूसरे BRICS देशों में भी लागू किया जा सकता है, ताकि आम जनता को सीधी सुविधा मिले।

इस पर दक्षिण अफ्रीका और ब्राज़ील ने भी रुचि दिखाई और सुझाव दिया कि BRICS डिजिटल फाउंडेशन की स्थापना की जानी चाहिए।

🎓 शिक्षा और महिला सशक्तिकरण की दिशा में सुझाव

PM मोदी ने महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने की जरूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि अगर हमें टिकाऊ विकास चाहिए, तो महिलाओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में बराबर का स्थान देना होगा। उन्होंने महिला उद्यमिता, डिजिटल शिक्षा और लैंगिक समानता के विषय में भारत की योजनाएं साझा कीं।

साथ ही, भारत ने BRICS यूनिवर्सिटी नेटवर्क की भी सिफारिश की, जिससे शिक्षा, रिसर्च और स्टूडेंट एक्सचेंज को बढ़ावा मिल सके।

🛫 भारत की विदेश नीति में आत्मविश्वास

PM मोदी का यह दौरा भारत की नई विदेश नीति का परिचायक है — जो अब किसी पर निर्भर नहीं बल्कि आत्मविश्वासी, सक्रिय और नेतृत्वकारी भूमिका निभा रही है। मोदी का हर भाषण, हर मुलाकात यह दिखाता है कि भारत अब वैश्विक एजेंडा सेट करने वाले देशों में शामिल हो चुका है।

BRICS मंच पर भारत का प्रदर्शन यह साबित करता है कि देश न सिर्फ दक्षिण एशिया बल्कि पूरे वैश्विक दक्षिण का प्रतिनिधि बन चुका है।

📅 भविष्य के लिए तय हुई योजनाएं

सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि अगला BRICS सम्मेलन 2026 में भारत में आयोजित होगा। इससे भारत को अपने एजेंडा को और भी ताकत से आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा।

साथ ही, एक BRICS Innovation Fund की स्थापना पर भी सहमति बनी है, जिसमें सभी सदस्य देश मिलकर विज्ञान, पर्यावरण और तकनीक के क्षेत्र में इन्वेस्ट करेंगे।

📝 निष्कर्ष (Final Thoughts)

PM मोदी का ब्राज़ील दौरा और BRICS सम्मेलन में उनकी भूमिका भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि बन गई है। भारत ने न केवल अपनी बात मजबूती से रखी, बल्कि पूरी दुनिया को यह संदेश दिया कि अब भारत वैश्विक नीतियों का निर्धारण करने वाला देश बन चुका है।

यह यात्रा न केवल कूटनीति की दृष्टि से, बल्कि आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक रूप से भी बेहद सफल रही। आने वाले समय में भारत BRICS मंच का नेतृत्व और अधिक मजबूती से करेगा — और यही है नए भारत की पहचान।

जय हिंद! 🇮🇳

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