
🛒 GST दरों में कटौती: टूथब्रश से लेकर किचनवेयर तक रोज़मर्रा का सामान हुआ सस्ता
सरकार ने हाल ही में GST 2.0 का ऐलान किया है, जो आम जनता के लिए एक बड़े तोहफ़े की तरह है। रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी सामान पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है और कुछ चीज़ों को पूरी तरह से टैक्स-फ्री कर दिया गया है। इससे आम लोगों का घरेलू बजट हल्का होगा और महंगाई से राहत मिलेगी। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि कौन-कौन सी चीज़ें सस्ती होंगी और इसका आपके जीवन पर क्या असर पड़ेगा।
1. व्यक्तिगत देखभाल और हाइजीन प्रोडक्ट्स 🧼
हर इंसान की रोज़ाना ज़िंदगी में इस्तेमाल होने वाले पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स पर अब आपको ज़्यादा टैक्स नहीं देना होगा।
- टूथब्रश
- टूथपेस्ट
- साबुन
- शैम्पू
- हेयर ऑयल
- शेविंग क्रीम
इन सभी पर पहले 12% से 18% तक GST लगता था। अब ये सिर्फ़ 5% GST पर मिलेंगे। यानी सुबह उठकर ब्रश करने से लेकर नहाने और बालों की देखभाल तक का खर्च कम हो जाएगा।
2. किचनवेयर और घरेलू सामान 🍲
घर का बजट सबसे ज़्यादा रसोई और किचन के सामान पर खर्च होता है। सरकार ने इसमें भी राहत दी है।
- थाली, कटोरी, चम्मच
- कड़ाही और पतीला
- स्टील और प्लास्टिक के बर्तन
- टेबलवेयर
इन सभी पर अब केवल 5% GST लगेगा। पहले ये 12% और 18% टैक्स स्लैब में आते थे। इसका मतलब है कि हर महीने घर के बर्तनों और घरेलू सामान की खरीद अब और सस्ती हो जाएगी।
3. खाने-पीने का सामान 🍛
खाने-पीने के प्रोडक्ट्स पर टैक्स कम होना सीधे तौर पर हर परिवार को राहत देगा।
- नमकीन
- पास्ता और नूडल्स
- चॉकलेट और सॉस
- बटर और घी
- कॉर्नफ्लेक्स
- पैक्ड मीट
इन पर अब 5% GST लगेगा।
इसके अलावा कुछ चीज़ों को पूरी तरह टैक्स-फ़्री कर दिया गया है:
- UHT दूध
- पनीर (Paneer) और छेना
- चपाती, रोटी और पराठा
यानि अब सुबह के नाश्ते से लेकर रोज़ाना की रोटी और खाने की थाली तक का खर्च कम होगा।
4. बच्चों और परिवार से जुड़े सामान 👶
सरकार ने बच्चों से जुड़े सामान पर भी टैक्स घटाकर परिवारों को राहत दी है।
- साइकिल
- फीडिंग बोतल
- नैपी और डायपर
- क्लिनिकल बेबी प्रोडक्ट्स
इन सभी पर अब केवल 5% GST लगेगा। पहले इन पर 12% टैक्स देना पड़ता था।
📉 बड़ा बदलाव: GST 2.0 क्या है?
पहले GST में 4 टैक्स स्लैब थे — 5%, 12%, 18% और 28%। अब इसे बदलकर केवल दो मुख्य स्लैब कर दिए गए हैं:
- 5% टैक्स — ज़रूरी और रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले सामान पर
- 18% टैक्स — सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं पर
इसके अलावा 40% टैक्स सिर्फ़ लग्ज़री और हानिकारक चीज़ों (जैसे तंबाकू, एयरेटेड ड्रिंक, बड़ी गाड़ियाँ) पर लगाया जाएगा।
ये बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे।
📊 असर: आम जनता को क्या फ़ायदा?
GST दरों में इस बदलाव का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा।
- FMCG कंपनियों का कहना है कि रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले सामान की कीमतें 10% तक घट सकती हैं।
- बीमा (Insurance) और स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह टैक्स-फ़्री कर दिया गया है।
- टीवी, एसी, छोटी कारें और गाड़ियों के पुर्ज़ों पर टैक्स 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है।
इससे घरेलू बजट हल्का होगा और महंगाई पर सीधा नियंत्रण मिलेगा।
✅ एक नज़र में बदलाव
सामान का प्रकार | पुराना GST | नया GST |
---|---|---|
टूथब्रश, साबुन, शैम्पू | 12%–18% | 5% |
किचनवेयर, बर्तन | 12%–18% | 5% |
नमकीन, नूडल्स, चॉकलेट | 12%–18% | 5% |
दूध, पनीर, पराठा | 5% | 0% |
बच्चों के सामान (बोतल, डायपर) | 12% | 5% |
🎯 नतीजा
सरकार का यह फैसला जनता के लिए एक त्योहारी तोहफ़ा है। रोज़मर्रा के ज़रूरी सामान जैसे टूथब्रश, साबुन, किचनवेयर, दूध और बच्चों के प्रोडक्ट्स सस्ते हो जाएंगे। इससे आम आदमी की जेब पर बोझ कम होगा और खरीदारी की ताकत बढ़ेगी।
आने वाले समय में यह कदम महंगाई को काबू करने में भी मदद करेगा और लोगों को आर्थिक राहत देगा।
🌍 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर GST सुधारों का महत्व
भारत में हुए GST सुधारों को केवल घरेलू स्तर पर ही नहीं देखा जा रहा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंचों पर भी इनका जिक्र हो रहा है। कई देशों में उपभोक्ताओं पर महंगाई का बोझ लगातार बढ़ रहा है। भारत ने इस कदम से यह संदेश दिया है कि टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाकर आम लोगों को राहत दी जा सकती है।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस तरह की टैक्स कटौती से खपत (Consumption) बढ़ेगी और जब खपत बढ़ती है तो उद्योगों का उत्पादन भी बढ़ता है। इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ता है। यानी GST दरों में यह बदलाव केवल कीमतें घटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर दिखाई देगा।
👩👩👧 परिवारों पर सीधा असर
भारत में मध्यमवर्गीय परिवारों का सबसे बड़ा खर्च रोज़मर्रा की ज़रूरतों पर होता है। दूध, तेल, साबुन, टूथपेस्ट और बच्चों के सामान पर टैक्स कम होने से इन परिवारों का मासिक बजट हल्का होगा।
उदाहरण के लिए, अगर किसी परिवार का महीने का ग्रॉसरी और घरेलू खर्च 10,000 रुपये है, तो GST कटौती से उस परिवार को लगभग 700 से 1,000 रुपये तक की बचत हो सकती है। यह बचत सीधे तौर पर दूसरी ज़रूरतों या बच्चों की पढ़ाई पर खर्च की जा सकती है।
🏭 उद्योग और कंपनियों के लिए फ़ायदा
GST में कटौती से न सिर्फ़ ग्राहकों को राहत मिलेगी बल्कि कंपनियों को भी फायदा होगा। FMCG कंपनियों को उम्मीद है कि टैक्स कम होने के कारण उनकी बिक्री में 15-20% तक इज़ाफ़ा हो सकता है।
इसके अलावा, छोटे व्यापारी और रिटेलर्स भी इससे खुश हैं क्योंकि अब उन्हें ग्राहकों को सस्ती दरों पर सामान उपलब्ध कराना आसान होगा। बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इससे उपभोक्ताओं के लिए और भी अच्छे विकल्प सामने आएंगे।
📈 दीर्घकालिक आर्थिक असर
GST 2.0 का असर लंबे समय तक दिखाई देगा। जब उपभोक्ताओं को सस्ता सामान मिलेगा तो वे ज़्यादा खरीददारी करेंगे। इसका नतीजा यह होगा कि:
- उद्योगों का उत्पादन बढ़ेगा
- रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे
- सरकार को अप्रत्यक्ष करों (Indirect Taxes) से ज़्यादा राजस्व मिलेगा
यानी एक ओर जहां जनता को राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर सरकार की आय भी स्थिर रहेगी। यह स्थिति विन-विन साबित होगी।
💡 विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम महंगाई के दौर में लोगों को बड़ी राहत देगा। पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ती महंगाई से आम आदमी परेशान था। अब टैक्स कम होने से उनकी जेब पर बोझ घटेगा।
कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि आने वाले समय में सरकार को और भी ज़रूरी चीज़ों को टैक्स-फ्री करने पर विचार करना चाहिए, जैसे कि दवाइयाँ और शिक्षा से जुड़े कुछ उपकरण।
🔮 भविष्य की उम्मीदें
GST सुधारों के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में सरकार और भी ऐसे कदम उठा सकती है जो लोगों के जीवन को आसान बनाएंगे।
अगर आने वाले बजट में भी इसी तरह के राहत भरे फैसले किए गए, तो यह आम जनता के लिए सुनहरा दौर साबित हो सकता है।
कुल मिलाकर, टूथब्रश से लेकर किचनवेयर तक रोज़मर्रा का सामान सस्ता होना केवल एक शुरुआत है। यह बदलाव एक बड़े आर्थिक सुधार का हिस्सा है, जो आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था को और मज़बूत बनाएगा।