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“CRPF जवान ने खुद को मारी गोली 😭 पत्नी ने कहा- सीनियर टॉर्चर करते थे, बेटी बोली- अब पापा का सपना…

😢 CRPF जवान ने खुद को मारी गोली: वाइफ बोलीं- सीनियर टॉर्चर करते थे, बेटी बोली- पापा के सपनों को

छत्तीसगढ़ के बनिपुर स्थित चरपोखरी थाना क्षेत्र से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। CRPF के एक जवान ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। यह घटना न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख गई है। बताया जा रहा है कि आत्महत्या से पहले जवान ने अपनी पत्नी से बातचीत की थी, जिसमें उसने मानसिक दबाव और सीनियर्स के टॉर्चर की बात कही।

📍 कहां हुई घटना?

यह घटना छत्तीसगढ़ के बनिपुर, चरपोखरी थाना क्षेत्र में हुई। जवान अपने सरकारी क्वार्टर में थे, जहां उन्होंने खुद को सर्विस रिवॉल्वर से गोली मार ली।

📞 अंतिम कॉल- पत्नी से बातचीत

मृतक जवान ने आत्महत्या से कुछ देर पहले अपनी पत्नी से बात की थी। पत्नी के अनुसार, उन्होंने कहा, “अब सहा नहीं जाता… मुझे सीनियर्स बहुत परेशान करते हैं।” यह सुनते ही पत्नी ने तुरंत अपने रिश्तेदारों को सूचना दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

💔 बेटी का भावुक बयान

जवान की छोटी बेटी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “पापा हमेशा कहते थे कि मैं अफसर बनूं। अब मैं उनके अधूरे सपनों को पूरा करूंगी।” यह सुनते ही वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं।

🚨 सीनियर पर लगे मानसिक उत्पीड़न के आरोप

पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों ने आरोप लगाया है कि जवान के सीनियर्स उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे। उनके अनुसार, जवान लंबे समय से डिप्रेशन में थे और किसी से कुछ भी साझा नहीं करते थे।

🛑 ड्यूटी के दौरान भी था तनाव

बताया जा रहा है कि जवान ड्यूटी पर भी अक्सर तनाव में दिखाई देते थे। साथियों के अनुसार, वे पिछले कुछ दिनों से चुपचाप रहते थे और किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करते थे।

🔍 पुलिस जांच में क्या निकला?

चरपोखरी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को मौके से जवान का मोबाइल, हथियार और एक छोटा सा नोट भी मिला है, जिसमें किसी सीनियर अधिकारी का नाम लिखा गया है। हालांकि, इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।

🏠 गांव में मातम का माहौल

जवान मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले थे। जैसे ही गांव में खबर पहुंची, पूरे इलाके में मातम छा गया। परिजन सदमे में हैं और अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है।

👨‍👩‍👧 परिवार की स्थिति

जवान अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं। पत्नी बार-बार बेसुध हो जा रही हैं और परिवार को संभालना मुश्किल हो रहा है। बेटी का हौसला जरूर प्रेरणादायक है, लेकिन दर्द अपार है।

🧠 मानसिक स्वास्थ्य और फोर्स

यह घटना एक बार फिर से सुरक्षा बलों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। क्या सुरक्षा बलों में जवानों की मानसिक स्थिति पर ध्यान दिया जा रहा है? क्या उनकी समस्याएं सुनी जा रही हैं?

📢 CRPF ने क्या कहा?

CRPF की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है।

💬 लोगों की प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। कई लोगों ने CRPF जवानों के लिए काउंसलिंग और रेगुलर मेंटल हेल्थ चेकअप की मांग की है।

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🧨 क्यों होता है इतना मानसिक दबाव? – सिस्टम पर बड़ा सवाल

 

भारत के सुरक्षाबलों में जवानों पर शारीरिक ही नहीं, मानसिक दबाव भी बहुत अधिक होता है। लगातार ड्यूटी, ट्रांसफर, घर से दूर रहने का तनाव, सीनियरों की डांट और जवाबदेही जैसी चीजें एक जवान की मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालती हैं।

CRPF में पिछले कुछ वर्षों में आत्महत्या के मामलों में इज़ाफा देखा गया है। 2011 से 2023 तक लगभग 1000 से अधिक जवानों ने आत्महत्या की, जो एक चिंताजनक आंकड़ा है।

📊 सरकारी तंत्र में खामियां!

देश के लिए जान देने वाले जवानों के लिए मेंटल हेल्थ सिस्टम</strong कितना मजबूत है? यह सवाल हर ऐसी घटना के बाद उठता है लेकिन कुछ दिनों के बाद भुला दिया जाता है। जवानों के लिए हेल्पलाइन, काउंसलिंग और मेंटल हेल्थ के लिए कई योजनाएं बनाई गईं हैं, लेकिन उनका जमीनी स्तर पर क्या हाल है, यह सबको मालूम है।

🧓 वरिष्ठ अधिकारियों की जवाबदेही तय हो!

इस मामले में परिजनों ने सीनियर अफसरों पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया है। ऐसे में क्या CRPF अपने अफसरों पर कठोर कार्रवाई करेगा? या फिर यह मामला भी अन्य आत्महत्याओं की तरह दबा दिया जाएगा?

ऐसी घटनाएं यह साबित करती हैं कि वरिष्ठ अधिकारियों पर भी निगरानी जरूरी है। कोई भी जवान मानसिक रूप से इतने दबाव में न रहे कि उसे आत्महत्या ही अंतिम रास्ता लगे।

🧕 पत्नी की हालत और सवाल

मृतक जवान की पत्नी का कहना है, “उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं अब नहीं झेल सकता… मैं टूट चुका हूं।” उनकी यह बात अब पत्नी के दिलो-दिमाग में गूंजती रहेगी। उन्होंने पूछा, “जब जवान ही सुरक्षित नहीं, तो देश की सुरक्षा कैसे होगी?”

पत्नी ने यह भी बताया कि उन्होंने कई बार अपने पति को छुट्टी लेने के लिए कहा, लेकिन हर बार उन्हें काम पर लौटना पड़ता था क्योंकि “छुट्टी मंजूर नहीं हुई”.

👧 बेटी की हिम्मत- प्रेरणा बन रही है

इस मुश्किल घड़ी में CRPF जवान की बेटी जिस हिम्मत से बोल रही है, वह हर किसी के लिए प्रेरणा है। “पापा ने हमेशा कहा था- हार मत मानना, अब मैं अफसर बनूंगी।” उसकी बातों से पता चलता है कि पिता की मौत ने उसे तोड़ा नहीं, बल्कि मजबूत बना दिया।

🏢 अफसरों पर कार्रवाई जरूरी

अगर वाकई जवान ने उत्पीड़न के चलते आत्महत्या की है तो CRPF को बिना देरी किए जांच पूरी कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। जवान की मौत के पीछे जो भी जिम्मेदार है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए ताकि आगे कोई दूसरा जवान ऐसा कदम न उठाए।

📌 PTSD और CRPF: छुपा हुआ सच

बहुत से CRPF और अन्य फोर्स के जवान PTSD (Post Traumatic Stress Disorder) से गुजरते हैं। लेकिन हमारे देश में इस पर ना तो खुलकर बात होती है, और ना ही इसे बीमारी माना जाता है।

विदेशों में फौजियों को ड्यूटी के बाद काउंसलिंग मिलती है, लेकिन हमारे यहां जवान अपनी तकलीफें खुद में दबाकर रखते हैं। ये खामोशी ही उनकी सबसे बड़ी दुश्मन बन जाती है।

📣 देश को चाहिए “मानसिक स्वास्थ्य नीति”

देश की सुरक्षा करने वाले जवानों के लिए एक अलग, मजबूत और निष्पक्ष मानसिक स्वास्थ्य नीति जरूरी है। जिसमें:

🧑‍⚖️ अगर जांच में टॉर्चर साबित हुआ तो?

अगर जांच में यह साबित हो जाता है कि CRPF जवान को वरिष्ठ अधिकारी मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे, तो उन पर IPC की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत केस दर्ज होना चाहिए।

🗣️ जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी सवालों में

मामले को लेकर अब तक किसी भी प्रमुख जनप्रतिनिधि ने कोई बयान नहीं दिया है। सवाल ये भी है कि जब किसान, खिलाड़ी या जवान आत्महत्या करता है, तो सरकार और प्रशासन तुरंत सक्रिय क्यों नहीं होते?

📷 सोशल मीडिया पर वायरल भावनाएं

इस घटना की खबर वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर #JusticeForCRPFJawan ट्रेंड करने लगा। लोगों ने कहा कि ये जवान सिर्फ एक यूनिफॉर्म नहीं, एक इंसान था – उसकी आवाज सुनी जानी चाहिए थी।

🇮🇳 देश को चाहिए जवाब

आज हर भारतीय यह सवाल कर रहा है – क्या देश की रक्षा करने वालों को अपना ही जीवन खत्म करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा? क्या हमें जवानों की जान का मोल सिर्फ ‘शहीद’ के टैग में ही दिखाई देता है?

🛑 निष्कर्ष: अब समय है बदलाव का

CRPF जवान की आत्महत्या सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। यह हमें बताता है कि हमें अपनी सुरक्षा व्यवस्था में केवल हथियार नहीं, मानवता और मानसिक सुरक्षा भी शामिल करनी होगी।

सरकार, प्रशासन और समाज को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी और बेटी को फिर से ये ना कहना पड़े — “पापा अब नहीं हैं… लेकिन मैं उनके सपनों को पूरा करूंगी।”

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