Chhoti Diwali 2025 (नरक चतुर्दशी) — जानिए शुभ मुहूर्त, यम का दीपक और पूजा विधि ✨🪔

Chhoti Diwali, जिसे नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है, हर साल दीपावली के पहले दिनों में आती है। इस साल यह पर्व 19 अक्तूबर 2025 को मनाया जा रहा है। छोटे-छोटे रीति-रिवाज, दीप और पूजन से जुड़ा यह दिन हमारे जीवन में रोशनी, सुरक्षा और शुभता का प्रतीक माना जाता है।
क्यों महत्वपूर्ण है नरक चतुर्दशी? 🤔
कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण या भगवान राम ने नरकासुर का वध करके संसार को भय से मुक्त किया — इस विजय को याद करते हुए नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। साथ ही यमदेव की कृपा के लिए ‘यम का दीपक’ जलाने की परम्परा भी प्रचलित है। यह दिन आत्म-शुद्धि, अज्ञान पर विजय और घर-परिवार की सुरक्षितता का प्रतीक है।
छोटी दिवाली 2025 — प्रमुख तिथि और समय ⏳
- तिथि: 19 अक्तूबर 2025 (नरक चतुर्दशी)
- चतुर्दशी तिथि अवधि: 19 अक्तूबर 2025 दोपहर 1:51 बजे से प्रारम्भ होकर 20 अक्तूबर 2025 दोपहर 3:44 बजे तक।
- यम का दीपक जलाने का शुभ समय: शाम 5:50 बजे से 7:02 बजे तक — इस संक्षिप्त समय में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। 🕯️
- अभ्यंग स्नान का मुहूर्त (अगला दिन): 20 अक्तूबर 2025 सुबह 5:13 बजे से 6:25 बजे तक।
यम का दीपक क्यों जलाएँ? — सरल कारण
यम का दीपक जलाने की परंपरा का उद्देश्य है: यमराज की कृपा हेतु, घर में आयु और सुरक्षा की कामना, तथा मृत्युभय से सुरक्षा के लिये आर्शीवाद लेना। दक्षिण दिशा में दीपक रखना पारंपरिक रूप से माना जाता है क्योंकि यम को मृत्यु का देवता माना जाता है।
यम दीपक पूजा — आसान विधि (5 मिनट में) 🙏

नीचे दी गई विधि सरल है — आप इसे घर के मुख्य द्वार के पास या दक्षिण दिशा की ओर कर सकते हैं।
आवश्यक सामग्री:
- सरसों का तेल या घी
- लाल सूती बाती (या रुई)
- थोड़ा सा चावल/राई के दाने (ऑफरिंग के लिए)
- कुमकुम, चावल और दीपक चौकी
कदम-दर-कदम पूजा:
- साफ जगह चुनें — मुख्य द्वार के पास दक्षिण दिशा की ओर दीपक रखें।
- दीपक में तेल/घी डालें, बाती रखकर प्रज्ज्वलित करें।
- मन में यमराज की आराधना करें और कहें: “ॐ यमाय नमः” या कोई सरल प्रार्थना।
- यदि चाहें तो 11 बार श्लोक/मनtra का जप कर सकते हैं और एक मोदक/फलक लगा कर अन्नदान करें।
- पूजा के बाद दीपक 7–8 मिनट तक जलाएँ और उसकी राख/बचे तेल को सम्मान के साथ रखें।
छोटी-छोटी परंपराएँ जो बनाएँ दिन खास ✨
- घर की सफाई और छोटा-सा दीप प्रज्ज्वलित करना।
- बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना और परिवार के साथ हल्का-फुल्का नाश्ता।
- अन्नदान या जरूरतमंदों को भोजन/अनाज देना — इसे विशेष पुण्य का समय माना जाता है।
- रात को बहुत तेज पटाखे न चलाएँ — स्थानीय नियमों और सुरक्षा का ध्यान रखें।
सुरक्षा और समकालीन सुझाव 🛡️
यथार्थ समय में पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ सुरक्षा सबसे ज़रूरी है। दीपक जलाते समय बच्चों और पालतू जानवरों से दूरी रखें, तेल जलते समय ध्यान रखें और अगर आप बाहरी मंदिर/समुदाय में भाग ले रहे हैं तो स्थानीय कोविड/आग सुरक्षा नियमों का पालन करें।
अंतिम शब्द — सरल, अर्थपूर्ण और मिलजुल कर मनाएँ 🎉
छोटी दिवाली सिर्फ परम्परा नहीं — यह याद दिलाती है कि अंधकार पर प्रकाश की जीत हमेशा संभव है। 19 अक्तूबर 2025 को जब आप यम का दीपक जलाएँ, तो एक छोटी सी प्रार्थना करें — परिवार की रक्षा, आत्म-शांति और समाज में सौहार्द की कामना के लिए।