Air India फ्लाइट में परिंदे का घोंसला 😱 | यात्रियों की जान से खिलवाड़?
26 जून 2025 को एयर इंडिया की मुंबई से बैंकॉक जाने वाली फ्लाइट AI2354 में एक चौंकाने वाली घटना घटी। टेक-ऑफ से पहले टेक्निकल स्टाफ को फ्लाइट के एक विंग में पक्षी का घोंसला मिला, जिसकी वजह से उड़ान को 3 घंटे तक रोकना पड़ा। यह घटना ना सिर्फ एयर इंडिया की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि भारतीय एविएशन सेक्टर की लापरवाहियों को भी उजागर करती है। 🛬
🕵️♂️ कहां और कैसे मिला घोंसला?
रिपोर्ट के मुताबिक, जब प्लेन टेक-ऑफ के लिए रनवे पर जा रहा था तभी एक टेक्निकल इंजीनियर ने देखा कि विंग के अंदर कुछ हलचल हो रही है। जब चेक किया गया, तो पता चला कि वहां एक जीवित पक्षी का घोंसला बना हुआ था।
घोंसला मिलने के बाद फ्लाइट को तुरंत रोक दिया गया और यात्रियों को नीचे उतार दिया गया। उसके बाद जांच और क्लीनिंग हुई, जो लगभग तीन घंटे चली।
😡 सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
जैसे ही घटना की जानकारी वायरल हुई, यात्रियों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने एयर इंडिया पर जमकर गुस्सा निकाला। इंस्टाग्राम, ट्विटर (X), और फेसबुक पर #AirIndiaShame ट्रेंड करने लगा। लोगों ने सवाल उठाए कि इतना बड़ा एयरक्राफ्ट चेक कैसे नहीं हुआ?
“Air India को privatization के बाद सुधरना चाहिए था, लेकिन अब तो जान का खतरा भी है।” – एक यूजर ने ट्वीट किया
वीडियो में यात्रियों को नीचे उतरते हुए और अधिकारियों को जांच करते हुए साफ देखा जा सकता है। वीडियो ने पूरे देश का ध्यान इस ओर खींचा है।
🔍 DGCA और एयर इंडिया का जवाब
इस मामले में DGCA (Directorate General of Civil Aviation) ने एयर इंडिया से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा:
“हम यात्रियों की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी लेकिन हमने तत्काल कदम उठाए।”
हालांकि यह जवाब यात्रियों और सोशल मीडिया पर गुस्साए लोगों को संतुष्ट नहीं कर सका।
🧯 सुरक्षा पर सवाल — क्या होता अगर घोंसला उड़ान के दौरान पकड़ा जाता?
विशेषज्ञों के अनुसार, एयरक्राफ्ट के विंग में किसी भी प्रकार का जैविक मटेरियल (जैसे घोंसला, परिंदे, आदि) इंजन या ईंधन प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर यह घोंसला उड़ान के दौरान पकड़ में नहीं आता, तो यह इंजन फेलियर जैसी गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकता था।
🛑 ये पहली बार नहीं हुआ है!
- 2023 में दिल्ली एयरपोर्ट पर भी एक स्पाइसजेट फ्लाइट में पक्षी की एंट्री से उड़ान रद्द करनी पड़ी थी।
- 2024 में कोलकाता एयरपोर्ट पर टेक-ऑफ से पहले एक प्लेन में मधुमक्खी का छत्ता मिला था।
इन घटनाओं से साफ है कि ग्राउंड स्टाफ और सुरक्षा जांच प्रक्रिया में भारी लापरवाही हो रही है।
📢 यात्रियों की मांग — Accountability कब आएगी?
यात्रियों और विशेषज्ञों की मांग है कि:
- एयर इंडिया पूरी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करे।
- जिम्मेदार टेक्निकल टीम पर कार्रवाई हो।
- हर फ्लाइट से पहले मल्टी-लेवल चेकअप अनिवार्य हो।
📺 देखिए वायरल वीडियो:
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📣 आपकी राय?
क्या आपको लगता है कि Air India जैसी बड़ी एयरलाइन से इस तरह की लापरवाही माफ की जा सकती है? नीचे कमेंट करके बताएं! 👇
🧠 क्या इतनी बड़ी लापरवाही सिर्फ एक इत्तेफाक थी?
जब बात विमान यात्रा की होती है, तो सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। एयर इंडिया जैसी प्रतिष्ठित एयरलाइन से यह उम्मीद नहीं की जाती कि वे बेसिक सुरक्षा चेक</strong तक नजरअंदाज़ करें। इस घटना ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर ऐसे गंभीर मामले बार-बार कैसे हो रहे हैं?
क्या यह किसी सिंगल इंजीनियर की गलती थी? या फिर पूरे सिस्टम में कोई गंभीर खामी है? कई एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इंडियन एयरलाइंस में प्रोपर मॉनसून प्रोटोकॉल</strong और बर्ड एक्टिविटी मैनेजमेंट</strong जैसे बेसिक सेफ्टी स्टेप्स को लागू नहीं किया जाता, खासकर कम ट्रैफिक घंटों में।
📉 क्या भारत की एविएशन इंडस्ट्री गिरते स्तर पर है?
2025 में भारत दुनिया के टॉप 5 एविएशन मार्केट में शामिल है, लेकिन ग्राउंड स्टाफ की ट्रेंनिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, और सुरक्षा मैन्युअल</strong अब भी काफी पीछे हैं।
कुछ महीने पहले इंडिगो की फ्लाइट में ऑक्सीजन मास्क की कमी की शिकायत आई थी। उससे पहले गो-फर्स्ट की फ्लाइट बिना चेकलिस्ट के उड़ गई थी। ये सब घटनाएं दर्शाती हैं कि इंडिया की एविएशन इंडस्ट्री में “चालू सिस्टम” पर ज्यादा भरोसा है, ना कि क्वालिटी पर।
👨⚖️ क्या यात्रियों के पास है लीगल अधिकार?
अगर आप फ्लाइट में सुरक्षा खामी का शिकार होते हैं या देरी का सामना करते हैं, तो DGCA के नियमों के तहत आपको मुआवजा मांगने का अधिकार है।
- अगर 3 घंटे से ज़्यादा की देरी हो, तो एयरलाइंस यात्रियों को भोजन या रहने की व्यवस्था</strong देने के लिए बाध्य होती है।
- अगर सुरक्षा में लापरवाही हो और प्रमाण मिले, तो यात्री उपभोक्ता अदालत</strong का सहारा भी ले सकते हैं।
लेकिन अफसोस की बात यह है कि अधिकतर यात्री इन अधिकारों से अनजान होते हैं, और कंपनियां इसका फायदा उठाती हैं।
✈️ एयरपोर्ट अधिकारियों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में
घटना के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने कोई भी ऑफिशियल बयान नहीं दिया है। क्या सुरक्षा जांच सिर्फ एयरलाइन की ज़िम्मेदारी है? एयरपोर्ट की सुरक्षा टीम और बर्ड कंट्रोल यूनिट</strong की क्या भूमिका थी?
कुछ यात्रियों ने दावा किया कि टेक-ऑफ से ठीक पहले भी विंग्स के पास कबूतरों का झुंड</strong देखा गया था, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। यह इस बात का प्रमाण है कि बर्ड हिट मैनेजमेंट</strong में भारी चूक हो रही है।
🔮 भविष्य में क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
ऐसी घटनाएं अगर समय रहते न रोकी जाएं, तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। DGCA और सरकार को कुछ कठोर कदम उठाने की जरूरत है:
- हर उड़ान से पहले हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरों से जांच की व्यवस्था होनी चाहिए।
- AI-बेस्ड Bird Detection System लगाया जाए जो रनवे के पास बर्ड मूवमेंट को ट्रैक कर सके।
- ग्राउंड स्टाफ की ट्रेनिंग को अपडेट किया जाए और उन्हें टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा जाए।
- हर घटना की रिपोर्ट पब्लिक डोमेन में जारी की जाए जिससे ट्रांसपेरेंसी बनी रहे।
यात्रियों की जान से जुड़ा यह मामला सिर्फ एक दिन की न्यूज नहीं, बल्कि पूरे एविएशन सिस्टम की नींव हिला देने वाला अलार्म</strong है।
🌐 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को नुकसान?
बैंकॉक जैसी इंटरनेशनल फ्लाइट में ऐसी घटना भारत की इमेज को इंटरनेशनल स्तर पर भी नुकसान पहुंचाती है। कई विदेशी यात्रियों ने इसे “unbelievable negligence” बताया है।
अगर ऐसे ही मामले जारी रहे, तो टूरिज्म और इंटरनेशनल एविएशन पार्टनरशिप पर असर पड़ सकता है। एयर इंडिया को चाहिए कि वह सेफ्टी को सबसे पहली प्राथमिकता बनाए — सिर्फ बिजनेस नहीं।
📣 क्या यात्रियों को भी सजग रहना चाहिए?
हां! यात्रियों को भी चाहिए कि वे:
- उड़ान भरने से पहले विमान की स्थिति और कंपनी के रिकॉर्ड को चेक करें।
- कोई भी संदिग्ध गतिविधि देखें तो क्रू मेंबर्स को तुरंत सूचित करें।
- सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी बात सबके सामने रखें — यह कंपनियों को जवाबदेह बनाता है।
सुरक्षा सिर्फ एयरलाइंस की ज़िम्मेदारी नहीं, यात्रियों की जागरूकता भी उसमें बड़ा रोल निभाती है।