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🚆बिहार, दून एक्सप्रेस में फिर पकड़ी गई 24 लाख की तस्करी! गयाजी में कछुओं से भरे बोरे देख दंग रह गए अधिकारी

🚆 गयाजी में दून एक्सप्रेस से फिर पकड़े गए कछुए, 24 लाख की तस्करी का बड़ा खुलासा

बिहार के गयाजी रेलवे स्टेशन पर एक बार फिर ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को चौंका दिया है।
दून एक्सप्रेस ट्रेन से बड़ी संख्या में जीवित कछुए बरामद किए गए हैं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग
24 लाख रुपये बताई जा रही है। 😮

यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी इसी ट्रेन से कछुओं की तस्करी के कई मामले सामने आ चुके हैं,
जिससे साफ संकेत मिलता है कि यह एक संगठित तस्करी नेटवर्क हो सकता है।


🐢 कितने कछुए हुए बरामद?

रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) की संयुक्त कार्रवाई में
दून एक्सप्रेस के S-7 कोच से कुल 48 जीवित कछुए बरामद किए गए।

ये कछुए बोरियों में भरकर छिपाए गए थे। जब सुरक्षाकर्मियों ने संदिग्ध सामान की जांच की,
तो अंदर कछुओं को देखकर सभी हैरान रह गए। अच्छी बात यह रही कि
सभी कछुए जीवित और सुरक्षित पाए गए। 🙏


💰 24 लाख रुपये कीमत क्यों?

अब सवाल उठता है कि आखिर कछुओं की कीमत इतनी ज्यादा क्यों होती है?

दरअसल, कुछ प्रजातियों के कछुए:

इन्हीं वजहों से कछुओं की अवैध तस्करी की जाती है और एक-एक कछुआ
हजारों से लेकर लाखों रुपये में बेचा जाता है।


🚨 तस्कर कौन थे? बड़ा सवाल

इस मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि
कोई भी यात्री इन कछुओं का दावा करने सामने नहीं आया

इससे आशंका और गहरी हो जाती है कि:

फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई हैं।


🌳 वन विभाग को सौंपे गए कछुए

बरामदगी के बाद सभी कछुओं को तुरंत
वन विभाग के हवाले कर दिया गया।

वन विभाग की ओर से बताया गया कि कछुओं को:

यह कदम इसलिए जरूरी है ताकि कछुए किसी भी तरह के तनाव या नुकसान से बच सकें। 🌿


⚖️ कानून क्या कहता है?

भारत में कछुए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित जीव हैं।

इस कानून के अनुसार:

दोषी पाए जाने पर जेल और भारी जुर्माना दोनों हो सकते हैं।


🚆 दून एक्सप्रेस पर बार-बार क्यों?

यह सवाल भी अहम है कि बार-बार
दून एक्सप्रेस ही तस्करी के मामलों में क्यों सामने आ रही है?

संभावित कारण:

अब रेलवे प्रशासन इस ट्रेन पर
अतिरिक्त निगरानी बढ़ाने की तैयारी में है।


🔍 पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

गौर करने वाली बात यह है कि:

यानी यह सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि
लगातार चल रही अवैध गतिविधि का हिस्सा हो सकता है।


🙏 आम लोगों से अपील

प्रशासन ने यात्रियों और आम जनता से अपील की है कि:

क्योंकि वन्यजीवों की रक्षा सिर्फ सरकार की नहीं,
हम सबकी जिम्मेदारी है। 🌏


📝 निष्कर्ष

गयाजी में दून एक्सप्रेस से कछुओं की बरामदगी एक बार फिर यह साबित करती है कि
वन्यजीव तस्करी आज भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है।

हालांकि RPF और वन विभाग की सतर्कता से
48 बेजुबान जानें बचा ली गईं,
लेकिन असली जरूरत है ऐसे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की।

उम्मीद है कि आने वाले समय में
रेलवे और सुरक्षा एजेंसियां मिलकर
इस अवैध धंधे पर पूरी तरह लगाम लगाएंगी। ✊

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