🚨 लाल किला ब्लास्ट आरोपी की चौंकाने वाली प्लानिंग! कैसे उसने दिल्ली पहुँचने तक हर कदम सोचा था?

दिल्ली का लाल किला, जो भारत की आज़ादी का प्रतीक माना जाता है, सोमवार शाम एक धमाके की गूंज से हिल गया 💥। जांच में सामने आया कि आरोपी डॉ. उमर नबी ने इस विस्फोट की हर बारीकी को पहले से प्लान किया था। उसकी चाल-ढाल, सफर और रुकने के ठिकाने – सब कुछ किसी फ़िल्मी सस्पेंस की तरह लगता है।
🚗 सफर की शुरुआत: हरियाणा से दिल्ली की ओर
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि उमर नबी ने हरियाणा से दिल्ली तक का सफर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से तय किया, लेकिन उसने किसी बड़े शहर से होकर नहीं गुज़रा। उसने भीड़भाड़ वाले रास्तों की बजाय सुनसान गलियों और छोटे-छोटे गाँवों के रास्ते चुने ताकि कोई CCTV या पुलिस चेकपोस्ट उसकी पहचान न कर सके।
रिपोर्ट के मुताबिक, उसने रास्ते में एक छोटे से ढाबे पर खाना खाया और रात भर अपनी गाड़ी में ही सोया। यह कदम साफ़ दिखाता है कि वह किसी होटल या गेस्ट हाउस में रुककर अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहता था 😶🌫️।
🕗 सुबह 8:13 बजे दिल्ली में एंट्री
अगले दिन सुबह करीब 8:13 बजे उमर ने बदरपुर टोल प्लाज़ा पार कर दिल्ली में प्रवेश किया। यह वो समय था जब शहर का ट्रैफिक धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन पुलिस की नज़रें अभी दिन की शुरुआत में व्यस्त थीं। शायद इसी वजह से वह किसी की नज़र में नहीं आया।
उसके बाद उसने दक्षिण-पूर्व दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, मध्य दिल्ली और उत्तर-पश्चिम दिल्ली के कई हिस्सों में घंटों तक घूमते हुए सफर किया। उसके रूट में कोई एक सीधी दिशा नहीं थी, मानो वह जानबूझकर ज़िगज़ैग पैटर्न में चल रहा हो ताकि कोई उसका पीछा न कर सके 🚙।
📍 लाल किला के पास पार्किंग और रहस्यमयी इंतज़ार
CCTV फुटेज के मुताबिक, उमर नबी ने अपनी कार को दोपहर 3:19 बजे लाल किले के पास पार्क किया। इसके बाद उसने कार में करीब तीन घंटे बिताए, जैसे कि वह किसी सिग्नल या टाइमिंग का इंतज़ार कर रहा हो। फिर शाम 6:52 बजे एक तेज धमाका हुआ जिसने आसपास के इलाके को हिला दिया 💣।
ब्लास्ट के बाद धुआं और चीख़-पुकार मच गई। सुरक्षा बलों ने तुरंत इलाके को घेर लिया। कुछ ही घंटों में जांच एजेंसियों ने कार के टुकड़ों से DNA सैंपल जुटाए और DNA मैच होने पर पुष्टि की कि धमाका करने वाला वही उमर नबी था।
📱 फोन कॉल और डेटा की जांच
अब जांच एजेंसियाँ उमर के फोन रिकॉर्ड्स और इंटरनेट डेटा खंगाल रही हैं। शुरुआती जांच में पाया गया है कि उसने सफर के दौरान बहुत सीमित कॉल किए और कई बार अपना मोबाइल स्विच ऑफ रखा 🔕।
पुलिस को शक है कि उमर को किसी संगठन या व्यक्ति से निर्देश मिल रहे थे, और उसके मोबाइल टॉवर लोकेशन से यह पता लगाया जा रहा है कि किससे उसकी बात हुई थी।
⚠️ हर कदम में योजना का संकेत
जांच अधिकारियों का कहना है कि उमर ने हर मूवमेंट प्लान किया था — कब गाड़ी रोके, कहाँ रुके, किस रास्ते से गुजरे, सबकुछ तय था।
उसके इस व्यवहार से साफ़ है कि यह कोई अचानक की गई कार्रवाई नहीं थी बल्कि सालों की योजना का हिस्सा थी। उसकी हर गतिविधि एक रणनीति के तहत थी ताकि वह सुरक्षा जांच से बच सके।
🚨 दिल्ली पुलिस की चिंता बढ़ी
यह केस दिल्ली पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों के लिए बड़ा झटका साबित हो रहा है। एक व्यक्ति जिसने हर बड़े टोल और मुख्य शहरों से दूरी बनाकर दिल्ली तक पहुँच बनाई, उसने सुरक्षा व्यवस्था की कमज़ोरी उजागर कर दी है।
इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियाँ सभी प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों – जैसे लाल किला, इंडिया गेट और राष्ट्रपति भवन – के आसपास निगरानी बढ़ाने की तैयारी में हैं।
🧠 आरोपी की मानसिक स्थिति और मकसद?
डॉ. उमर नबी, जो कश्मीर का रहने वाला बताया जा रहा है, के बारे में पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर उसने यह कदम क्यों उठाया। क्या यह किसी संगठन की साजिश थी या उसकी व्यक्तिगत नाराज़गी का नतीजा?
फिलहाल पुलिस का मानना है कि उसके पास जो विस्फोटक था, वह बहुत हाई-ग्रेड मटेरियल था, जो सामान्य रूप से किसी व्यक्ति के पास नहीं होता। इससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि उसे बाहर से मदद मिली हो सकती है।
🔍 जांच आगे कहाँ तक पहुँची?
DNA रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने उसकी कार के रूट को GPS डाटा से जोड़ना शुरू किया है। साथ ही, जहां-जहां उसने रुकावट डाली, वहाँ के CCTV कैमरों की जांच भी की जा रही है।
एक बड़ा सवाल यह है कि अगर उसने 3 घंटे तक कार पार्क की थी, तो पुलिस या सुरक्षाकर्मी उसे उस दौरान क्यों नहीं पहचान पाए? यह सवाल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
⚡ जनता में दहशत, पर साथ में जागरूकता भी
इस धमाके के बाद राजधानी में दहशत का माहौल है 😰। लेकिन लोगों में जागरूकता भी बढ़ी है। अब कोई भी संदिग्ध वाहन या व्यक्ति देखने पर तुरंत पुलिस को सूचित कर रहा है।
पुलिस ने भी जनता से अपील की है कि ऐसे हालात में अफवाहों पर ध्यान न दें, बल्कि सही सूचना साझा करें ताकि जांच में मदद मिले।
📢 निष्कर्ष: सोचने पर मजबूर कर देने वाला केस
उमर नबी का यह केस सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है कि आधुनिक अपराधी अब टेक्नोलॉजी, मनोविज्ञान और रणनीति का मिश्रण बन चुके हैं।
उसकी योजना इतनी बारीक थी कि उसने दिल्ली जैसी हाई-टेक निगरानी वाली जगह तक पहुँचने के लिए भीड़ से दूर रहना, धीमी गति से गाड़ी चलाना और सीमित बातचीत करना चुना। यह सब बताता है कि उसने हर कदम पर सोच-समझकर फैसला लिया था।