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🌧️ उत्तराखंड में बारिश का कहर! 9 जिलों में स्कूल बंद, बाढ़ से हाहाकार 😱

🌧️ उत्तराखंड में मूसलधार बारिश का कहर: 9 जिलों में स्कूल बंद, रेड अलर्ट जारी

उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक दी नहीं कि भारी बारिश ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य के 9 जिलों में स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

⚠️ मौसम विभाग की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अलर्ट जारी किया है कि अगले 48 घंटों तक राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बना रहेगा। खासतौर पर चमोली, उत्तरकाशी, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

🏫 किन जिलों में स्कूल बंद किए गए?

उत्तराखंड सरकार ने एहतियात के तौर पर नौ जिलों में सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए हैं। ये जिले हैं:

इन जिलों में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल बंद किए गए हैं।

🚧 सड़कें बंद, यातायात ठप

भारी बारिश की वजह से राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों पर भूस्खलन हुआ है। कई रास्ते बंद हैं और गाड़ियाँ फंसी हुई हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग 58, जो ऋषिकेश से बद्रीनाथ तक जाता है, वहां कई जगहों पर मलबा गिरने की वजह से यातायात बाधित हो गया है।

🏘️ निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे क्षेत्रों में गंगा और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कई निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं।

प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय कर दी हैं।

👮 प्रशासन की तैयारी

उत्तराखंड सरकार ने SDRF और NDRF की टीमें तैनात कर दी हैं। हेल्पलाइन नंबर और कंट्रोल रूम चालू कर दिए गए हैं ताकि कोई भी आपात स्थिति होने पर जनता सहायता प्राप्त कर सके।

📢 प्रशासन की अपील

राज्य सरकार ने जनता से अपील की है कि:

🧒 बच्चों की सुरक्षा पर ज़ोर

स्कूलों को बंद करना यह दर्शाता है कि सरकार बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है। माता-पिता से भी अपील की गई है कि वे बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर रखें और उन्हें बारिश के दौरान बाहर न भेजें।

🌄 चारधाम यात्रा पर असर

बारिश का असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ा है। केदारनाथ, बद्रीनाथ और यमुनोत्री के रास्तों में भूस्खलन की वजह से कई यात्राएं अस्थायी रूप से रोकी गई हैं। प्रशासन स्थिति सामान्य होने के बाद ही यात्रा शुरू करेगा।

💡 बिजली और इंटरनेट सेवाएं प्रभावित

कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते बिजली आपूर्ति और इंटरनेट कनेक्टिविटी पर भी असर पड़ा है। पेड़ गिरने और ट्रांसफार्मर खराब होने से ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं।

📈 क्या और बिगड़ सकती है स्थिति?

मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटे और भी गंभीर हो सकते हैं। अधिकतर क्षेत्रों में मूसलधार बारिश की चेतावनी है। यह स्थिति कृषि और ट्रांसपोर्ट दोनों पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

🧭 क्या करें और क्या न करें?

करें:

न करें:

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🚨 स्थानीय लोगों की परेशानियां बढ़ीं

लगातार बारिश के कारण लोगों का रोजमर्रा का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाज़ारों में दुकानों पर ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे, किसान अपने खेतों तक नहीं जा पा रहे और छोटे कारोबारी भारी नुकसान झेल रहे हैं।

ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को डर सता रहा है कि कहीं उनके घर गिर न जाएं। कई जगहों से मकान ढहने और खेतों में पानी भरने की खबरें आ चुकी हैं।

📦 राशन और दवाइयों की सप्लाई पर असर

बारिश के चलते कई जिलों में राशन, दूध, गैस और दवाइयों की सप्लाई बाधित हो चुकी है। ट्रक और वाहन फंसे हुए हैं और सप्लाई चेन पूरी तरह प्रभावित हो चुकी है।

लोगों को जरूरी सामान के लिए लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं। अस्पतालों में भी जरूरी दवाइयों की कमी देखी जा रही है।

🧓 बुजुर्ग और बीमार लोग सबसे ज्यादा प्रभावित

इस बारिश में बुजुर्ग, दिव्यांग और बीमार लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं। ना तो अस्पताल आसानी से पहुंच पा रहे हैं और ना ही जरूरी देखभाल मिल पा रही है।

ग्रामीण इलाकों में ऐंबुलेंस तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है, जिससे इमरजेंसी केसों में भी मुश्किलें आ रही हैं।

🗺️ टूरिज्म पर बड़ा असर

उत्तराखंड जैसे पर्यटन राज्य में टूरिज्म सेक्टर को भी बड़ा झटका लगा है। नैनीताल, मसूरी, ऋषिकेश, औली जैसे हिल स्टेशनों में पर्यटकों की संख्या घट गई है।

कई लोगों ने बुकिंग कैंसिल कर दी हैं, जिससे होटलों और गाइड्स को भारी नुकसान हो रहा है।

🗣️ सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

लोगों ने बारिश और बाढ़ से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने शुरू कर दिए हैं। कहीं नदियों में तेज बहाव दिख रहा है, कहीं गाड़ियों का बह जाना तो कहीं घरों में पानी भरने की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।

इन वीडियो के जरिए लोगों में सतर्कता भी बढ़ी है लेकिन कुछ फेक वीडियो भी फैल रहे हैं, जिन पर प्रशासन नजर बनाए हुए है।

📞 हेल्पलाइन नंबर और कंट्रोल रूम जानकारी

प्रशासन ने इन जिलों के लिए हेल्पलाइन नंबर और कंट्रोल रूम एक्टिव कर दिए हैं। यदि आपको किसी आपात स्थिति में मदद चाहिए तो इन नंबरों का उपयोग कर सकते हैं:

इसके अलावा 112 नंबर पर कॉल कर आप किसी भी आपात स्थिति की जानकारी दे सकते हैं।

📻 प्रशासन के रेडियो और टीवी पर अलर्ट

राज्य सरकार ने रेडियो, टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से आम जनता को लगातार जानकारी देनी शुरू कर दी है। मौसम विभाग के अपडेट हर घंटे प्रसारित हो रहे हैं ताकि लोग सतर्क रह सकें।

🚶 पैदल चलने वालों के लिए खतरा

बारिश की वजह से फुटपाथ और गली-कूचे भी जलमग्न हो चुके हैं। लोग पैदल चलते समय फिसलकर गिर रहे हैं, जिससे छोटे-बड़े हादसे बढ़े हैं।

विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए बाहर निकलना जोखिम भरा हो गया है।

🌱 खेती-किसानी पर प्रभाव

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में धान, मक्का, सब्जियों की खेती होती है। भारी बारिश से खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलें सड़ने लगी हैं।

किसानों को चिंता है कि यदि बारिश ऐसे ही जारी रही तो पूरे सीजन का नुकसान हो सकता है।

🏥 मेडिकल इमरजेंसी का प्रबंधन

कुछ जिलों में जिला अस्पतालों और PHC पर मरीजों की संख्या बढ़ गई है। वायरल बुखार, स्किन इन्फेक्शन, फूड पॉइजनिंग जैसी बीमारियों में इजाफा हुआ है।

प्रशासन ने डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और इमरजेंसी सेवाएं 24×7 चालू रखी गई हैं।

🧭 कब तक चलेगा यह मौसम?

मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले 3-4 दिन तक भारी बारिश की स्थिति बनी रह सकती है। हालांकि कहीं-कहीं हल्की राहत भी मिल सकती है, लेकिन अभी स्थिति सामान्य होने में वक्त लगेगा।

🙏 जनता से अपील

सरकार और प्रशासन ने एक बार फिर जनता से शांति और सहयोग की अपील की है। अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी स्रोतों पर विश्वास करें।

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