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“मुझे DM अंकल जैसा IAS बनना है…” 😢 स्कूल बंक कर जिलाधिकारी के पास पहुंची मासूम, सुनकर भर आई आंखें

“मुझे DM अंकल जैसा IAS बनना है…” 🥹 स्कूल बंक कर जिलाधिकारी के पास पहुंची मासूम, गोरखपुर की कहानी जिसने सबका दिल जीत लिया

कभी-कभी ज़िंदगी में कुछ छोटी-सी घटनाएं इतनी बड़ी सीख दे जाती हैं कि बड़े-बड़े भाषण भी फीके लगने लगते हैं।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से सामने आई एक ऐसी ही मासूम लेकिन दिल छू लेने वाली कहानी इन दिनों चर्चा में है ❤️।

🏫 स्कूल बंक कर पहुंच गई DM ऑफिस

यह कहानी है एक नन्ही बच्ची की, जिसने न तो किसी डर की परवाह की और न ही किसी झिझक की।
वह स्कूल जाने के बजाय सीधे पहुंच गई गोरखपुर के जिलाधिकारी (DM) दीपक मीणा के ऑफिस।

जब उससे पूछा गया कि स्कूल क्यों नहीं गई, तो उसका जवाब सुनकर हर कोई भावुक हो गया —

“मुझे DM अंकल से मिलना है, मैं भी उनकी तरह IAS बनना चाहती हूँ…” 🥹

👧 मासूम का बड़ा सपना

इस उम्र में जहां बच्चे खिलौनों और मोबाइल गेम्स में उलझे रहते हैं, वहीं इस बच्ची का सपना था
देश की सेवा करना, अफसर बनना और लोगों की मदद करना 🇮🇳।

उसके लिए DM कोई बड़ा अफसर नहीं, बल्कि एक रोल मॉडल थे।
उसने उन्हें देखा था, सुना था और मन ही मन तय कर लिया था कि —

“मुझे भी ऐसा ही बनना है।”

🏢 DM दीपक मीणा का दिल जीत लेने वाला व्यवहार

जब बच्ची DM ऑफिस पहुंची, तो वहां मौजूद कर्मचारियों को पहले तो हैरानी हुई।
लेकिन जैसे ही जिलाधिकारी दीपक मीणा को इस बारे में बताया गया, उन्होंने तुरंत बच्ची को अपने पास बुलाया।

DM दीपक मीणा ने बच्ची से बड़े प्यार से बात की, उसका नाम पूछा, पढ़ाई के बारे में जाना
और उसके सपनों को ध्यान से सुना 😊।

📚 IAS बनने के लिए DM अंकल की सलाह

DM दीपक मीणा ने बच्ची को समझाया कि IAS बनने के लिए —

उन्होंने यह भी कहा कि सपने जरूर देखो, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए
अनुशासन और मेहनत सबसे जरूरी है।

❤️ सोशल मीडिया पर वायरल हुई कहानी

यह पूरी घटना जब सामने आई तो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई।
लोगों ने बच्ची की सोच की जमकर तारीफ की 👏।

कई यूजर्स ने लिखा —

“ऐसे बच्चे ही देश का भविष्य हैं।”
“आज की पीढ़ी में भी उम्मीद बाकी है।”
“सलाम है इस मासूम के हौसले को।”

👨‍👩‍👧 माता-पिता के लिए भी संदेश

यह कहानी सिर्फ एक बच्ची की नहीं है, बल्कि हर माता-पिता के लिए एक सीख है।
अगर बच्चों के सपनों को सही दिशा और माहौल मिल जाए, तो वे बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं 🌱।

बच्चों को डराने या दबाव डालने के बजाय, अगर उन्हें समझा जाए, सुना जाए
और प्रोत्साहित किया जाए, तो वे असंभव को भी संभव बना सकते हैं।

🎓 शिक्षा और प्रेरणा का असली मतलब

आज के दौर में शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए।
ऐसी घटनाएं बच्चों को यह समझाती हैं कि —

🌟 गोरखपुर की यह बच्ची बनी मिसाल

गोरखपुर की यह मासूम अब सिर्फ एक बच्ची नहीं रही,
वह हजारों बच्चों के लिए प्रेरणा बन चुकी है।

उसकी यह एक मासूम-सी कोशिश यह बताने के लिए काफी है कि
अगर इरादे साफ हों, तो रास्ते खुद बन जाते हैं।

🙏 अंत में…

यह कहानी हमें याद दिलाती है कि देश का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।
ऐसे बच्चे अगर सही मार्गदर्शन पाएंगे, तो भारत को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता 🇮🇳✨।

DM दीपक मीणा का व्यवहार भी यह साबित करता है कि एक अधिकारी सिर्फ आदेश देने वाला नहीं,
बल्कि समाज को दिशा दिखाने वाला भी होता है।

हम उम्मीद करते हैं कि यह बच्ची एक दिन सच में IAS बने और अपने सपने को पूरा करे।

👉 ऐसी ही प्रेरक और सच्ची खबरों के लिए जुड़े रहिए।

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