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आजमगढ़ में 7 साल के बच्चे को मारकर शव को बोर में भरकर गेट पर लटकाया, पूरी सच्चाई…

😢 आजमगढ़ में खौफनाक वारदात: सात साल के मासूम की हत्या और बोरे में लटका शव

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। एक सात साल के मासूम बच्चे की हत्या कर दी गई और उसका शव बोरे में भरकर घर के गेट पर टांग दिया गया। यह घटना न केवल पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती है, बल्कि समाज के लिए भी एक गहरी सोच का विषय है।


📍 घटना की शुरुआत

बुधवार शाम सात वर्षीय शाजेब अली अचानक घर से बाहर निकला और देर रात तक वापस नहीं लौटा। परिवार ने उसे हर जगह ढूंढा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। मजबूरी में परिजनों ने सिधारी थाने में जाकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

गुरुवार सुबह जब लोग रोज़मर्रा की तरह बाहर निकले तो एक दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया—बगल के घर के गेट पर एक बोरा टंगा था, और उसमें से मासूम का शव बरामद हुआ। पूरे इलाके में चीख-पुकार मच गई।


😡 स्थानीय लोगों का आक्रोश

मासूम की लाश मिलने के बाद गांववालों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। लोगों ने सड़क जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। सभी यही सवाल उठा रहे थे कि आखिर इतनी बड़ी वारदात को किसने और क्यों अंजाम दिया?

पांच थानों की पुलिस, पीएसी, फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड मौके पर पहुंचे। जांच के लिए पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया।


🕵️‍♂️ पुलिस की कार्यवाही

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी। शुरुआती स्तर पर पुलिस ने कई पहलुओं पर जांच शुरू की है:

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जल्द ही आरोपी गिरफ्तार किए जाएंगे और इस नृशंस अपराध का पर्दाफाश किया जाएगा।


👨‍👩‍👧‍👦 परिवार का दर्द

मासूम के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मां बार-बार बेहोश हो रही है और पिता की आंखों में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। पड़ोसियों का कहना है कि बच्चा बेहद होशियार और चंचल था। उसकी निर्मम हत्या ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया है।


💔 समाज पर असर

इस घटना ने एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर हमारे समाज में इतनी क्रूरता क्यों बढ़ रही है। जब अपराधी मासूम बच्चों तक को नहीं छोड़ते, तो यह इंसानियत के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसी वारदातों पर तुरंत कड़ी सजा देनी चाहिए ताकि अपराधियों के मन में कानून का डर बैठ सके।


🚨 बच्चों की सुरक्षा पर सवाल

यह घटना बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। आजकल के समय में माता-पिता को अपने बच्चों की देखरेख में और सतर्क रहना होगा। स्कूल से लेकर मोहल्ले तक बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना समाज की जिम्मेदारी भी है।


📢 लोगों की मांग

गांववालों ने सरकार और पुलिस प्रशासन से मांग की है कि:


📝 घटनास्थल से मिले सबूत

फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड ने घटनास्थल से कई महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं। पुलिस का मानना है कि अपराधी स्थानीय ही हो सकते हैं क्योंकि जिस तरह से शव को टांगा गया, वह किसी अंदरूनी जानकारी वाले की हरकत लगती है।


⚖️ कानूनी पहलू

ऐसी घटनाओं में भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाने की कोशिश) और अन्य धाराएं लगाई जा सकती हैं। अगर बच्चे के अपहरण की पुष्टि होती है तो 363 और 364 जैसी धाराएं भी लग सकती हैं।


🙏 समाज के लिए सबक

यह वारदात केवल एक परिवार का दर्द नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सबक है। हमें बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। अगर किसी भी इलाके में संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे तो तुरंत पुलिस को सूचना देनी चाहिए।


🔍 आगे की राह

फिलहाल पुलिस की जांच जारी है और परिवार व स्थानीय लोग न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही दोषियों को पकड़कर सख्त सजा दिलाएगा, ताकि भविष्य में कोई भी मासूम इस तरह की क्रूरता का शिकार न बने।


📌 निष्कर्ष

आजमगढ़ की यह घटना दिल को झकझोर देने वाली है। सात साल का मासूम, जिसे खेल-कूद और पढ़ाई करनी चाहिए थी, उसे दरिंदों ने मौत के घाट उतार दिया। अब समाज और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी है कि ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और बच्चों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जाएं।

 

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