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🌾 “चक्रवात मोंथा का कहर! धान की फसल बर्बाद, पश्चिम सिंहभूम के किसान रो पड़े 😢”

🌾 चक्रवात मोंथा का कहर! पश्चिम सिंहभूम में धान की फसल पर संकट, किसान बेहाल 😔

झारखंड के पश्चिम सिंहभूम में इन दिनों आसमान से बरस रहा पानी अब राहत नहीं, बल्कि मुसीबत बन चुका है। चक्रवात मोंथा की वजह से पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश ने खेतों में भरे पानी को दलदल में बदल दिया है। वहीं, धान की फसल जो अब कटाई के लिए तैयार थी, वह पानी में डूबने से सड़ने लगी है। 🌧️

🚜 किसानों की मेहनत पर पानी फिरा!

किसान धान की कटाई की तैयारी में थे। कई जगहों पर फसल पक चुकी थी और मजदूरों को बुलाया जा चुका था। लेकिन अचानक आई इस बारिश ने सबकुछ बिगाड़ दिया। खेतों में इतना पानी भर गया है कि फसल को छूना भी मुश्किल हो गया है। 😞

एक स्थानीय किसान ने बताया – “हमने उम्मीद लगाई थी कि इस बार उपज अच्छी होगी, लेकिन अब तो पूरा खेत ही डूब गया। कटाई तो दूर, मशीन भी नहीं जा सकती।”

🌾 फसल पर असर: सिर्फ पानी नहीं, कई और खतरे

📉 मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात मोंथा का असर 31 अक्टूबर तक रह सकता है। यानी आने वाले कुछ दिन और बारिश होने की संभावना है। पश्चिम सिंहभूम, मझगांव, नोवामुंडी और जगन्नाथपुर जैसे इलाकों में सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है। 🌩️

🧠 किसानों के लिए जरूरी सलाह

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तुरंत सावधानी नहीं बरती गई तो नुकसान और भी बढ़ सकता है। किसानों को नीचे दिए गए उपाय अपनाने चाहिए:

  1. 🚰 खेतों से पानी निकालें: जहाँ पानी जमा है, वहाँ छोटी नालियाँ बनाकर निकासी करें।
  2. 🌤️ धान को सुखाएं: कटे हुए धान को खुली धूप या पंखे से सुखाएं ताकि नमी कम हो।
  3. 🛖 भंडारण सुरक्षित रखें: प्लास्टिक शीट या तिरपाल से ढककर रखें ताकि नमी से बचाव हो।
  4. 📸 नुकसान का रिकॉर्ड रखें: बीमा क्लेम के लिए फोटो और तारीख नोट करें।
  5. 🤝 स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें: सरकार राहत और बीमा दोनों में मदद कर सकती है।

💬 स्थानीय प्रशासन की अपील

जिला प्रशासन ने भी किसानों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द जल निकासी करें और खेतों में फंसी फसलों को सुरक्षित निकालने की कोशिश करें। साथ ही, राहत टीमों को गाँवों में भेजा गया है जो प्रभावित किसानों को सलाह और सहायता दे रही हैं।

💡 आगे क्या?

अगर बारिश और बढ़ती है तो प्रशासन को बड़े स्तर पर मदद की जरूरत होगी। खाद्यान्न संकट से बचने के लिए सरकार को इमरजेंसी योजना लागू करनी होगी ताकि अगले सीजन के लिए किसानों को समय पर बीज और खाद मिल सके।

❤️ किसानों की उम्मीद अब सरकार से

कई किसान अब फसल बीमा योजना और राहत पैकेज की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि प्रक्रिया धीमी है, लेकिन उम्मीद यही है कि राज्य सरकार इस बार तेज़ी से कदम उठाएगी ताकि नुकसान की भरपाई समय पर हो सके।

📢 निष्कर्ष

चक्रवात मोंथा ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मौसम अब कितना अनिश्चित हो गया है। जहां कुछ दिन पहले तक किसान धूप का इंतजार कर रहे थे, वहीं अब वे पानी निकालने में जुटे हैं। यह सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि आने वाले वक्त में हमें स्मार्ट कृषि प्रणाली की जरूरत है — जिसमें बेहतर जल निकासी, फसल बीमा और तकनीकी तैयारी शामिल हो। 🌱

किसानों के लिए यही समय है कि वे हिम्मत न हारें, और प्रशासन से मदद मांगने में पीछे न हटें। हर बूंद का हिसाब लेने का वक्त है — क्योंकि यही मेहनत आने वाले मौसम में फिर से नई उम्मीदें लेकर आएगी। 💪

— रिपोर्ट: BindasNews Desk

 

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